गायकी में सौंदर्य,स्वाभाविक गायकी के अलंकरण पर चर्चा
बसंत कन्या महाविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा आयोजित कंठ संस्कार एवं रियाज तकनीक आधारित कार्यशाला के दूसरे दिन भी छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में संयोजिका प्रोफेसर सीमा वर्मा द्वारा सर्वप्रथम अतिथि कलाकार का स्वागत करते हुए पूर्व में सीखें मूल बातों पर संक्षिप्त सार प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम की दूसरे दिन की रूपरेखा रखी गई,तत्पश्चात डॉ पूनम वर्मा द्वारा आभासीय माध्यम से जुड़े विद्यार्थी के प्रश्न रख वक्त द्वारा समाधान दिया गया। अतिथि वक्ता डॉ रामशंकर जी ने बड़ी सहजता से शुद्ध स्वरों द्वारा आवाज की स्थिरता,अलंकार , पलटों द्वारा गायकी में सौंदर्य,स्वाभाविक गायकी के अलंकरण पर चर्चा की । सुगम संगीत के परिप्रेक्षय में तार सप्तक में आवाज की स्थिरता पर भी अभ्यास के आयाम पर सौदाहरण मार्गदर्शन किया गया ।
इसी कड़ी में आगे शास्त्रीय संगीत की खयाल शैली की बंदिशें में सौंदर्य आधार के मुख्य बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराया गया। स्वर एवं ताल सौंदर्य का उदाहरण देते हुए कलाकार वक्ता ने राग अलहैया बिलावल का आरोह अवरोह पकड़ एवं परमआदरणीय रामरंग जी की बंदिश गुरुचरणन चित धरिए मनवा एवं राग यमन में छोटा ख्याल तीन ताल आधारित बंदिश मोहे गागर न भरन देत छात्राओं को सिखाई। कलाकार के साथ श्री सौम्यकांति मुखर्जी ने सुंदर तबला संगति एवं इशान घोष ने तानपुरे पर सहयोग प्रदान किया ।कार्यक्रम ने महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं सहित अन्य महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने आशीर्वचन देकर सभी का उत्साहवर्धन किया और भविष्य में वाद्य और नृत्य शैली को लेकर भी ऐसे कार्यक्रम को आयोजित करने की प्रेरणा दी
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